पहलवान साक्षी मलिक के संन्यास की घोषणा के एक दिन बाद ओलिंपिक मेडलिस्ट बजरंग पूनिया ने पीएम मोदी को एक पत्र लिखा।
उन्होंने लिखा कि वह अपना पद्मश्री पुरस्कार लौटा देंगे। 2019 में बजरंग को देश का चौथा सर्वोच्य नागरिक सम्मान पद्मश्री अवॉर्ड मिला था। इस घोषणा के कुछ देर बाद ही बजरंग पूनिया अपना अवॉर्ड लौटाने प्रधानमंत्री आवास के लिए निकल गए। वहां पुलिस ने उन्हें अंदर नहीं जाने दिया। काफी समय तक बजरंग और पुलिसकर्मी के बीच वहां बातचीत चलती रही। लेकिन पुलिसकर्मी ने अंदर नहीं जाने दिया।
बजरंग ने फुटपाथ पर रखा अवॉर्ड:
बजरंग पूनिया को पीएम आवास में नहीं जाने दिए दिया गया। इसके बाद उन्होंने अपना पद्मश्री पुरस्कार वहीं फुटपाथ पर रख दिया। इसमें मेडल के साथ कुछ कागजात भी थे। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहा है। बजरंग पूनिया को पुलिस ने कर्तव्य पथ पर रोक दिया था। वहां उन्होंने कहा कि- मैं पद्मश्री पुरस्कार उस व्यक्ति को दूंगा जो इसे पीएम मोदी तक लेकर जाएगा। वह बार बार पुलिस वालों को भी बोल रहे थे कि आप इसे पीएम तक पहुंचा दो।
क्यों विरोध कर रहे पहलवान?
पहलवान संजय सिंह के भारतीय कुश्ती महासंघ का अध्यक्ष बनने के बाद यह विरोध कर रहे हैं। जनवरी में पहलवानों ने पूर्व अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ धरना शुरू किया था। संजय सिंह को बृज भूषण शरण सिंह का करीबी माना जाता है।
18 जनवरी को बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट की अगुवाई में पहलवानों ने जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन शुरू किया था। WFI प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण और धमकी का आरोप लगाया तथा उनके इस्तीफे और महासंघ को भंग करने की मांग की। यह विवाद अभी तक चल रहा है।
Sports Ministry On Bajrang Punia:
खेल मंत्रालय ने कहा है कि डब्ल्यूएफआई का चुनाव निष्पक्ष और लोकतांत्रिक तरीके से हुआ है. खेल मंत्रालय ने यह भी कहा, ”हम अब भी कोशिश करेंगे कि बजरंग पूनिया पद्मश्री लौटाने के फैसले को बदल दें.”
मिलने पहुंची प्रियंका गांधी:
बजरंग पुनिया ने अपना पद्मश्री सम्मान प्रधानमंत्री आवास के सामने फ़ुथपाथ पर रख दिया है pic.twitter.com/KFSuNgJ5Y3
— Mandeep Punia (@mandeeppunia1) December 22, 2023