Vivek Bindra Exposed: Dr. Vivek Bindra: मोटिवेशनल स्पीकर और बड़ा बिजनेस (Bada Business) के फाउंडर-सीईओ डॉ विवेक बिंद्रा ने अपने नाम पर पोस्टल स्टांप जारी करने का दावा किया था।
विवेक बिंद्रा ने 11 जनवरी को एक ट्वीट में लिखा, “कैसा लगेगा जब आप लेटर पर पोस्टल स्टांप लगाने जा रहे हों और उस स्टांप पर आपकी ही तस्वीर हो. ऐसी ही खुशी मुझे हुई जब मैंने देखा कि भारत सरकार ने मेरे नाम और फोटो का स्टांप जारी किया है.”
फिर क्या, लोगों को लगा यार ये तो बड़े बिजनेसमैन है, इन्होंने तो कमाल कर दिया है।
वो यहीं नहीं रुके…. आगे उन्होंने कहा, “यह एक गर्व करने वाला पल था. इस सम्मान के लिए मैं भारत सरकार/डाक विभाग को दिल से धन्यवाद करता हूं.” इस ट्वीट के साथ उन्होंने दो तस्वीरें भी शेयर की। पहली तस्वीर में विवेक बिंद्रा पोस्टल स्टांप (डाक टिकट) हाथ में पकड़े नजर आ रहे हैं, जबकि दूसरी तस्वीर में फ्रेम किए हुए पोस्टल स्टांप हैं. विवेक बिंद्रा के मुताबिक, भारत सरकार ने उनके नाम पर डाक टिकट जारी किया था।
विवेक बिंद्रा का दावा बिल्कुल भ्रामक:
भारतीय डाक ने भी विवेक बिंद्रा के ट्वीट को रिट्वीट किया, भारतीय डाक ने लिखा, “डाक विभाग देश के प्रत्येक नागरिक की सेवा करने के लिए पूर्णत: प्रतिबद्ध है. हमें बेहद प्रसन्नता है कि आपको हमारी ‘माई स्टांप’ सेवा पसंद आई. धन्यवाद हमें सराहने के लिए.” मतलब साफ है कि विवेक बिंद्रा के नाम पर डाक स्टांप जारी नहीं किया है, बल्कि उन्होंने ‘माई स्टांप’ सेवा का लाभ लिया था!
https://x.com/IndiaPostOffice/status/1613397820748492801?t=_1-JUBAZqW04Ub01psuRtw&s=09
क्या होता है ‘माई स्टांप’?
दरअसल, ‘माई स्टांप’ डाक टिकटों की व्यक्तिगत शीट का ब्रांड नाम है. इस शीट पर ग्राहक की तस्वीर और संस्थानों के लोगो या कलाकृति, विरासत भवनों, प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों, ऐतिहासिक शहरों, वन्य जीवन, अन्य जानवरों और पक्षियों आदि की थंबनेल फोटो को एक चयनित टेम्पलेट शीट पर प्रिंट करके दिया जाता है. इस सुविधा के जरिए कोई भी व्यक्ति 300 रुपए देकर अपनी तस्वीर के साथ पोस्टल स्टांप छपवा सकता है।
झूठ का फायदा उठाया: