इस धरती पर बहुत कम ही लोग ऐसे हैं जो अपने नाम से नहीं बल्कि अपने काम से पहचाने जाते हैं। उनका काम ही इतना सुंदर वो बड़ा होता है कि उनके आगे हर बातें वो चीज़ छोटी लगने लगती है। इस बात का प्रत्यक्ष उदाहरण हैं मधुबनी मिथिला लोकचित्र के युवा शिल्पी आँचल झा। विश्व विरासत दिवस के उपलक्ष्य में पटना के प्रेमचंद रंगशाला में आयोजित दक्ष-देशज राज्य शिल्प सम्मान समारोह में मधुबनी मिथिला लोक चित्र के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान एवं विशिष्ट उपलब्धियों को लेकर आँचल झा को 2022-23 के लिए दक्ष-देशज माननीय उल्लेख सम्मान से सम्मानित किया गया है। इस सम्मान से उन्हें पद्मश्री विमल जैन, वरीष्ठ कलाकार आनंदी प्रसाद बादल, रजत घोष ने संयुक्त रूप से सम्मानित किया। मूल रूप से मधुबनी जिला के बेनीपट्टी प्रखंड के ढंगा पुरवारी टोल के निवासी अधिवक्ता शैलेशा नंद झा एवं ममता झा की पुत्री आँचल झा हैं।
इन्हें इससे पहले भी एनटीपीसी के द्वारा ऊर्जा संरक्षण को लेकर मधुबनी के वर्तमान समाहर्ता द्वारा मधुबनी मिथिला लोक चित्र को लेकर प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। साथ ही इन्हें मिथिला लोक चित्रकला को लेकर कई बार और सम्मानित किया जा चुका है।
यह दक्ष-देशज राज्य शिल्प सम्मान का आयोजन प्रतिवर्ष मिथला इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रेडिशनल हेरिटेज एंड इंडिजेनस लिटरेचर इन आर्ट्स एवं लोक एवं शिल्पकला प्रकोष्ठ भाजपा के संयुक्त तत्वावधान में प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है।
आँचल झा को यह सम्मान मिलने से पारिवारिक लोग, मित्र एवं गांव समाज के सभी वर्गों के लोगों ने बधाई दी एवं खुशी ज़ाहिर किया।