अड़रियासंग्राम (झंझारपुर) से गौतम झा की रिपोर्ट
विश्व कल्याण की कामना के साथ मिथिलांचल का केंद्र लगमा में ब्रह्मचारी जी महाराज विशाल विष्णु यज्ञ का अनुष्ठान किए थे। इक्कीस से वैदिक विद्वान हवन में भाग लेते है उनकी सेवा शुल्क पंद्रह हजार प्रति व्यक्ति जो पंद्रह दिन सेवा दिए थे कुक खर्च तीन करोड़ से अधिक केवल दक्षिणा के रूप में खर्च होता है।
उनका पंद्रह दिन भोजन आवासन यातायात व्यवस्था पर भी एकाध करोड़ खर्च हुआ होगा। अब इतना बड़ा यज्ञ मंडप प्रवचन पंडाल बड़े साधु संत के आगमन पर खर्च भी करोड़ो में हुई होगी। महात्मा तो समाज कल्याण के लिए बड़ा यज्ञ का आयोजन करते है।कलयुग है समाज से जितनी सहयोग राशि की आशा किया गया होगा वो प्राप्त नहीं हुई होगी।
यज्ञ हवन में कितने क्विंटल घी हवन सामग्री नवग्रह का लकड़ी आदि का आहुति प्रकृति को शुद्ध किया होगा उसका आकलन का चर्चा का फुर्सत हम सभी को नहीं है।
पंडित जी को पंद्रह की जगह दस हजार बारह हजार ही दक्षिणा दिया गया विवाद का विषय बना मारपीट हुई ये प्रचार प्रसार करने के लिए हम सब आगे बढ़ गए।
लगमा में ब्रह्मचारी जी का संस्कृत विद्यापीठ कितने को संस्कृत संस्कृति बेद पुराण का ज्ञान अध्यन करवा कर प्राचार्य बनाया होगा थोड़ा इस बात का भी चर्चा कर लेते। अब समझिए आयोजक मनोरंजन कार्यक्रम के लिए अभिनेता गायक कवि गण को आमंत्रित करता है अपेक्षित सहयोग राशि जमा नहीं हो पाती है उस स्तर पर भी विवाद होता कलाकार को अग्रिम के अलावे पेमेंट नहीं दे पाते है उनकी बात कोई नहीं सुनता जिसकी चर्चा आप तक नहीं पहुंचती है।
धर्म का उपहास आसान है इसलिए नकारात्मक विषय की प्रचारित करने में हम लोग लग जाते है।
आयोजक गण को साधुवाद आपने इस विराट आयोजन से सफल ही नहीं कर लिया संपूर्ण मिथिला क्षेत्र ही नहीं विश्व के कल्याण के परिकल्पना को साकार किया है। इतना बड़ा आयोजन में कुछ त्रुटि होना स्वाभाविक है।त्रुटि के लिए क्षमा प्रार्थी होना चाहिए हम समाज के लोगों को अपेक्षित मदद मिलती तो ये त्रुटि नहीं होता।
जय श्री हरी