अड़रियासंग्राम (झंझारपुर) से गौतम झा की रिपोर्ट
अभ्युदय साहित्यिक मंच उत्तम ग्राम ननौर के तत्वावधान में ऋतुराज वसंत के आगमन पर एक विराट कवि गोष्ठी का आयोजन प्रसिद्ध कवि श्री काशीनाथ झा ‘किरण’ की अध्यक्षता में हुआ ।
कार्यक्रम की शुरुआत प्रसिद्ध नाटककार श्री बेचन ठाकुर के स्वागत गीत ‘धन्य धन्य जागल भाग्य हे, कविवर छथि आयल’ से हुई । शिक्षक सह कवि गौरी शंकर साह ने चरपतिया शैली में ‘सब ठाम छै विचारल गप’, सबठाम छैक खीचारल गप’ से मानव मनोवृति पर कूठाराघात किया । युवा कवि सौरभ वैरागी ने चन्ना जुगनू तारा बुझै छी, कवयित्री प्राची झा ने ‘एहिना नहिं अछि गहराई हमरा गपमे’, गीतकार प्रो. सरोज कुमार ठाकुर ने अपने गीत हे यौ सजना एहेन किएक भेलौं ? से वातावरण को मधुमय कर दिया । प्रसिद्ध गजलकार प्रदीप पुष्प ने तंत्र की कार्य शैली पर करारा प्रहार करते हुए अपनी प्रस्तुति ‘खुसरो दाग रहिमन रसखान बदलि देतै’ दी जिसे पूरे सदन ने सराहा । गोष्ठी की सबसे कम उम्र की कवयित्री वैष्णवी झा ने महज ग्यारह वर्ष में ही अपनी प्रस्तुति से सबको अचंभित कर दिया

कार्यक्रम का संयोजन डॉ. जयानंद मिश्र और संचालन साहित्यकार सह वरिष्ठ पत्रकार श्री अखिलेश कुमार झा ने किया ।
