Friday, July 18, 2025
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उपलब्धिपूर्ण रहा मैसाम का ग्यारहवां वार्षिकोत्सव

अड़रियासंग्राम (झंझारपुर) से गौतम झा की रिपोर्ट

मैथिली साहित्य महासभा द्वारा बीते शुक्रवार को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम दिन के 2 बजे से शाम 7 बजे तक गोल मार्केट, नई दिल्ली स्थित मुक्तधारा सभागार में मैसाम के गौरवपूर्ण एक दशक के उपलक्ष्य में कुलदेवी की आराधना करते हुए दीप प्रज्वलन के साथ किया गया ।भव्य और बेहद सुन्दर कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, जो चार चरण में संपन्न हुआ । सभागार को अंदर – बाहर चारो तरफ फूलों से सजाया गया था ।

पहले सत्र का शुभारम्भ मैसाम अध्यक्ष श्री राहुल झा जी के अभिभाषण से शुरू हुआ और मैथिली कवि गोष्ठी का आयोजन शुरू हुआ, जिसमें स्थापित कवियों के साथ नव कवियों की सहभागिता रही । कवि गोष्ठी में लगभग 15 कवियों ने कविता व गजल का पाठ किया । इस गोष्ठी की अध्यक्षता श्री मणिकांत झा जी ने किया, विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री आनंद जी झा और मैसाम अध्यक्ष श्री राहुल झा जी मंच पर उपस्थित रहे ।

कवि गोष्ठी का कुशल संचालन सुप्रसिद्ध गायिका श्रीमती सोनी चौधरी ने किया। इस कविगोष्ठी में कविगण द्वारा पाठ किया गया । भवेश झा, अर्चना झा, नीरज झा, सुजीत कुमार, अखिलेश मिश्र, आभा झा, जयंती झा, कविता पाठक, सुधा ठाकुर, आनंद दास, अवनिश अभिनव, सांत्वना मिश्र, राज किशोर मिश्र, प्रभा झा एवं हेमंत झा ।

दूसरे सत्र में विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया था, विचार गोष्ठी का विषय था ‘आचार्य रामलोचन शरण : व्यक्तित्व और कृतित्व’ ।

मैथिली के ख्यातिलब्ध साहित्यकार आदरणीय डॉ. गंगेश गुंजन जी की अध्यक्षता में आयोजित संगोष्ठी के विषय का चयन के लिए मंचासीन साहित्यकार अभिभावक लोगों का मंतव्य अत्यंत ही उत्साहित किया । श्री संजीव सिन्हा जी के संचालन में आयोजित इस वार्षिक संगोष्ठी में स्मृति शेष आचार्य रामलोचन शरण जी के व्यक्तित्व और कृतित्व से संबंधित वरिष्ठ साहित्यकार श्री बुद्धिनाथ मिश्र जी और श्री मुकेश दत्त जी एवं सांस्थानिक प्रतिनिधि श्री अरुण कुमार मिश्र द्वारा प्रस्तुत गूढ़ विचार खूब आह्लादित किया ।

तीसरे सत्र में “मैसाम सम्मान – 2025” प्रदान किया गया ।
इस वार्षिक आयोजन में मैथिली में सुदीर्घ साहित्य साधना हेतु वरिष्ठ साहित्यकार डॉ वीरेंद्र मल्लिक जी को पहला ‘मैसाम सम्मान-2025’ प्रदान कर, मील का पत्थर स्थापित किया गया । इस सम्मान के अंतर्गत उनको मैसाम के तरफ से नगद राशि 31000/- रुपया के साथ मिथिला चित्रकला से सुसज्जित पाग – दोपटा और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया । उनके सम्मान के क्षण हमेशा स्मृति में बन गौरवान्वित करता रहेगा । इस अवसर पर श्री संजीव सिन्हा और श्री उज्जवल कुमार झा के संयुक्त संपादन में प्रकाशित मैसाम की अर्द्ध वार्षिक पत्रिका ‘अपूर्वा’ के संग श्रीमती कविता पाठक जी और श्री आनंद दास जी की पुस्तक का लोकार्पण मैसाम के साहित्यिक उद्देश्य को बल प्रदान किया ।

चार सत्र के इस कार्यक्रम के आखिरी सत्र में, सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया ।

साहित्य को संगीत के साथ जोड़ने के उद्देश्य से अंतिम सत्र में श्री हेमंत झा जी के संचालन में आयोजित मौसम का पहला सांस्कृतिक कार्यक्रम अत्यंत जीवंत और मनोरंजन से भरा रहा । कलाकार लोगों में ज्येष्ठा भाई आदरणीय श्री अवनींद्र ठाकुर, श्रीमती सोनी चौधरी और श्री देवानंद झा जी के भावपूर्ण पारंपरिक प्रस्तुति मैसाम के मंच पर शमां बांध दिया ।
इस वार्षिक आयोजन की सफलता में प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से अपना अमूल्य सहभागिता, मार्गदर्शन और अहर्निश सहयोग देने के लिए ख्यातिलब्ध साहित्यकार आदरणीय श्री गंगेश गुंजन जी, लब्धप्रतिष्ठ अंतर्राष्ट्रीय साहित्यकार श्री बुद्धिनाथ मिश्र जी, श्री उमेश मिश्र जी (चेतना समिति, पटना) श्री विजय चंद्र झा जी (अखिल भारतीय मिथिला संघ) श्री मणिकांत झा जी, श्री मुकेश दत्त जी एवं सभागार में खचाखच भरे सभी गणमान्य साहित्यकार, कथाकार, कलाकार, पत्रकार, मंच पर उपस्थित आदरणीय अतिथि, समस्त कार्यकारिणी और सभागार में उपस्थित सभी वरिष्ठ साहित्यकार, विद्वतजन, मौसम परिवार, समस्त मातृभाषा प्रेमी एवं प्रबुद्ध श्रोता लोगों की सहभागिता के लिए सीए आशीष नीरज जी के द्वारा हृदय से धन्यवाद एवं आभार ज्ञापन किया गया ।

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