झंझारपुर से गौतम झा / सुदेश शांडिल्य की रिपोर्ट:एक बार फिर भगवान विष्णु की दुर्लभ मूर्ति मिलने के बाद अंधराठाढ़ी चर्चा का केंद्र बन गया है। साथ ही यहां चारो तरफ भक्ति और उत्सव का माहौल बन गया है। भगवान के दर्शन को लोगों की भारी भीड़ उमड़ रही है। नारायण के प्रगट होने की जैसे जैसे चर्चा फैलती गयी लोग उनके दर्शन को उमड़ पड़े।
गांव के तालाब से मिली मूर्ति – विष्णु की यह प्राचीन और दुर्लभ मूर्ति अंधरा गांव के प्रशांत कुमार चौधरी के निजी पोखर से सोमवार को मिट्टी खुदाई के दौरान मिली। यह जगह इतिहास प्रसिद्ध कमलादित्य स्थान के काफी निकट है । मूर्ति मिलने की जानकारी होने के बाद सैकड़ो की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ जुट गयी । मूर्ति को गांव के ही प्राचीन और ऐतिहासिक कामलादित्य स्थान मंदिर में रखा गया है।
कैसी है मूर्तिः-
मूर्ति हलके काले रंग के चमकीले ग्रेनाईट पत्थर की है। इसकी उॅचाई तकरीवन तीन फीट की है। चार भुजाओं वाली ये आलौकिक मूर्ति की तीन भुजा खंडित है। मूर्ति के चारों तरफ महीन तरीके से अन्य कई आकृतियाँ बनी हुई है । मूर्ति के नीचे माता सरस्वती और लक्ष्मी की भी आकृति बनी हुई है । बताते चलें कि पिछले कुछ सालों में अंधराठाढ़ी में मिली ये छठी मूर्ति है । इससे पहले ठाढ़ी में भगवान सूर्य, भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी या तारा की तीन दुर्लभ मूर्तियाँ मिली थी। फिर पिछले साल बरसाम गांव से भी दो दुर्लभ मूर्ति मिली थी ।
क्या कहते है विशेषज्ञ-
पुरातत्वविद डॉ. शिव कुमार मिश्र के अनुसार से मूर्ति भगवान विष्णु की है । पिछले कुछ सालों में अंधराठाढ़ी में मिली ये छठी मूर्ति है । उनके अनुसार ये मूर्ति कर्णाटकालीन राजाओं के शासनकाल का हो सकता है । मूर्ति बेशकीमती और दुर्लभ है । मूर्ति को भारी सुरक्षा की जरूरत है । नियमानुसार इसे सरकार को सौंप कर सुरक्षित किसी संग्रहालय में रखना चाहिए । उन्होने मूर्ति को पानी चीनी एवं सिन्दुर से बचाने की हिदायत भी दी। उन्होने ये भी संभावना जताई की उत्खनन करने पर आस पास में और अधिक मूर्तियां मिल सकती है।
सुरक्षा का हाल-
जद यू प्रखंड अध्यक्ष कमलेश कुमार चौधरी कहते हैं कि फिलहाल मंदिर के अंदर रखी ये मूर्ति स्थानीय पुजारी और गांव के जिम्मे ही है। स्थानीय प्रशासन को इसकी सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था करनी चाहिए। जिला पार्षद प्रतिनिधि संजय कुमार चौधरी कहते हैं कि कमलादित्य स्थान काफी ऐतिहासिक है। उन्होंने सरकार, प्रशासन और पुरातत्व विभाग से निवेदन किया है कि इस स्थान के आस पास खुदाई करवा कर इसको पर्यटन स्थल का दर्जा प्रदान किया जाए ।