झंझारपुर से गौतम झा की रिपोर्ट: साहित्य समाज की आत्मा है, और यदि आत्मा पवित्र हो तो शरीर भी पवित्र होगा इसकी पूरी संभावना बनी रहती है। समाज में स्वस्थ और सांस्कृतिक शुचिता का वातावरण निर्मित हो इसके लिए साहित्यिक आयोजन का होना बहुत ही महत्वपूर्ण है। इस बात को मिथिला के साहित्य प्रेमियों ने बखूबी समझा है। आए दिन यत्र तत्र हो रहे गंभीर साहित्यिक गोष्ठियाँ इसका प्रमाण है।
इस बात को समझते हुए मधुबनी जिले के झंझारपुर अनुमंडल के उत्तम ग्राम ननौर के ग्रामीणों ने रविवार को साहित्यिकी सरिसव पाही के बैनर तले ननौर दुर्गा स्थान परिसर में साहित्यिक गोष्ठी करने का निर्णय लिया है । इसके संयोजक डॉ जयानंद मिश्र उर्फ आनंदी पंजिकार हैं। मीडिया से बात – चीत के क्रम मे उन्होंने बताया कि इस अवसर पर मैथिली के वरिष्ठ और कनिष्ठ दर्जनों रचनाकारों द्वारा अपनी विभिन्न विधा की रचनाओं को पढ़ेंगें और रसिक श्रोता कविता की सरिता में गोते लगाएंगे । यह आयोजन एक मील का पत्थर साबित होगा।
ज्ञात हो कि साहित्यिकी संस्था 1994 में अपनी स्थापना के बाद से ही प्रत्येक माह शृंखलाबद्ध आयोजन करती रही उसी शृंखला की यह कड़ी उत्तम ग्राम ननौर के दुर्गा मंदिर परिसर में होने जा रहा है।