रिपोर्ट : सानु झा
पटना में प्रेस वार्ता करते हुए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा जब हम सत्ता से बाहर थे तब जातीय गणना को लेकर हम लगातार सड़क पर प्रदर्शन करते रहे, गणना को लेकर सर्वदलीय प्रधानमंत्री से भी मिले, मगर उनकी सहमति नहीं बन सकी. जब हमारी सरकार बनी तब हमने सूबे में जातीय गणना करवाया. हमलोग शुरू से ही कहते रहे कि बीजेपी जातीय गणना के खिलाफ है, वह कभी भी बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दे सकती और ना ही 9 वीं अनुसूची में बढ़े आरक्षण को दे सकती है. मुझे ना तो केंद्र सरकार पर भरोसा है और ना ही राज्य सरकार पर। अगर केंद्र सरकार 9 वीं अनुसूची में संशोधित आरक्षण को नहीं देती है तो हम सड़क पर उतरेंगे. अब इस NDA सरकार पर मुझे रत्ती भर भी भरोसा नहीं है. इस मुद्दे को लेकर हमने भारत सरकार से जवाब माँगा तो जवाब के रूप में हैरान करने वाली सूचना प्राप्त हुई है। इस प्रतिवेदन में लिखा है कि इस कानून को संविधान के 9 वीं अनुसूची में डालने का अधिकार अब राज्य के पास है। जो कि पूर्णतया गलत है। या ये भी हो सकता है कि अब राज्य से केंद्र सरकार इस पावर को ही वापस ले लिया हो। आज मुख्यमंत्री के मुँह में दही जमा हुआ है। इनके नियत पर सवाल उठ रहा है। मुख्यमंत्री के साथ-साथ उनके सारे मंत्री चुप हैं। मुख्यमंत्री को पारदर्शिता के साथ अपना पक्ष रखना चाहिए कि वह सुप्रीम कोर्ट में किस तरह से अपनी बातों को रख रहे हैं। आज JD(U) के कंधों पर सरकार टिकी है। लेकिन उनकी कोई नहीं सुनता। मुख्यमंत्री सुपर फ्लॉप हो गए हैं। अब हम आंदोलन करेंगे साथ ही इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में भी अपनी याचिका भी दायर करेंगें।