बिहार के समस्तीपुर के 14 वर्षीय क्रिकेटर प्रतिभा वैभव सूर्यवंशी ने रचा इतिहास:
उन्होंने सचिन तेंदुलकर से भी कम आयु में अपना पहला मैच खेलकर 49 सेंचुरी और तीन डबल सेंचुरी बनाकर बिहार को गौरवान्वित किया है. बिहार ने पिछले कुछ वर्षों में खेल में बहुत सुधार किया है और तेजी से आगे बढ़ा है. इसका परिणाम यह है कि बिहार से अब और भी नए युवा क्रिकेटर खेल की दुनिया में प्रतिष्ठित हो रहे हैं. ऐसा ही एक नवोदित क्रिकेटर है वैभव सूर्यवंशी, जिसने कम आयु में ही देशभर में प्रदेश का नाम ऊंचा किया है.बिहार के समस्तीपुर जिले के ताजपुर इलाके के निवासी वैभव सूर्यवंशी ने सिर्फ 14 साल की उम्र में ही चौंकाने वाला कारनामा किया है. वैभव सूर्यवंशी ने शुक्रवार को पटना के मोइनुलहक स्टेडियम में आरंभ हुए रणजी ट्रॉफी मैच में अपनी पहली पारी खेली. वैभव ने सिर्फ 14 साल की उम्र में ही रणजी ट्रॉफी में शामिल होने का सौभाग्य प्राप्त किया है. सचिन तेंदुलकर ने रणजी ट्रॉफी में अपनी पहली पारी 15 साल 232 दिन की उम्र में खेली थी. वैभव सूर्यवंशी बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं और धमाकेदार बल्लेबाजी करने के लिए मशहूर हैं. वैभव का नाम आज देशभर में गूंज रहा है. वैभव ने सिर्फ 14 साल की उम्र में ही एक साल के अंदर विविध मैचों में 49 सेंचुरी और 3 डबल सेंचुरी बनाई हैं.5 साल की उम्र से शुरू की क्रिकेट की यात्रा:
वैभव सूर्यवंशी ने समस्तीपुर के ताजपुर में रहते हुए 5 साल की उम्र से ही क्रिकेट की शुरुआत की थी. बचपन में वैभव ने समस्तीपुर के पटेल ग्राउंड में क्रिकेट की ट्रेनिंग लेनी शुरू की. फिर 10 साल की उम्र में पटना आकर पूर्व रणजी खिलाड़ी मनीष ओझा के अधीन क्रिकेट की तैयारी की. वैभव ने पिछले एक साल में 49 सेंचुरी बनाए हैं.
कम आयु में ही बनाए बड़े रिकॉर्ड:
वैभव सूर्यवंशी ने सिर्फ 14 साल की उम्र में ही कई रिकॉर्ड बनाए हैं. वैभव के पिता संजीव सूर्यवंशी ने बताया कि सिर्फ 13 साल की उम्र में समस्तीपुर की ओर से हेमंत ट्रॉफी खेलते हुए वैभव ने लीग और सुपर लीग दोनों मिलाकर पूरे बिहार में सर्वाधिक रन बनाए. वैभव ने इस प्रतियोगिता में तीन सेंचुरी और तीन अर्धशतक लगाए. इसके बाद उनका चयन वीनू मांकड़ टूर्नामेंट के अंडर-19 में हुआ. वैभव को चंडीगढ़ भेजा गया जहां बिहार की तरफ से एक सेंचुरी तीन अर्धशतक बनाकर सबसे अधिक रन बनाए