झंझारपुर से गौतम झा की रिपोर्ट:मैथिली साहित्य महासभा (मैसाम) द्वारा मैथिली भाषा में सुदीर्घ साहित्य साधना हेतु मैथिली साहित्य महासभा (मैसाम) के तत्वावधान में दिनांक 12 जनवरी 2025 को आयोजित बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि आगामी 21 फरवरी 2025 को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर वार्षिक संगोष्ठी, वसंतोत्सव और महासभा के दसवें वार्षिकोत्सव का संयुक्त आयोजन किया जाएगा। इस अवसर पर एक भव्य कवि गोष्ठी, ‘आचार्य रामलोचन शरण: व्यक्तित्व और कृतित्व’ विषय पर वार्षिक संगोष्ठी, और सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया जाएगा।
बैठक के दौरान, मैसाम अध्यक्ष राहुल झा ने महासभा की गतिविधियों में एक नया अध्याय जोड़ने का प्रस्ताव रखा । उन्होंने सुझाव दिया कि मैथिली भाषा में सुदीर्घ साहित्य साधना करने वाले योग्य साहित्यकार को “मैसाम सम्मान” प्रदान किया जाए। इसके अंतर्गत नगद सम्मान राशि ₹ 31,000/ मिथिला चित्रकला से सुसज्जित पाग-दोपटा और प्रशस्ति पत्र प्रदान करने का प्रस्ताव रखा गया । इस प्रस्ताव का उपस्थित सभी सदस्यों ने करतल ध्वनि से स्वागत किया और इसे सर्वसम्मति से पारित किया।
सदस्यों द्वारा गहन विचार-विमर्श के उपरांत यह निर्णय लिया गया कि साल 2025 के लिए पहला “मैसाम सम्मान” मैथिली के लब्धप्रतिष्ठ साहित्यकार डॉ. वीरेंद्र मल्लिक जी को प्रदान किया जाएगा.