भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह तीन नए कानून लाने के लिए लाए गए विधेयक पर बुधवार को लोकसभा में चर्चा हुई। चर्चा का जवाब देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पीएम मोदी गुलामी के निशान मिटा रहे हैं। इस दौरान असदुद्दीन ओवैसी ने बिल का विरोध करते हुए उनकी तुलना रौलट ऐक्ट से की।
इस दौरान AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने नए कानूनों की रौलट ऐक्ट से तुलना करते हुए उनका विरोध किया। भाषण के दौरान जब किसी सदस्य ने उन्हें टोका तो ओवैसी आगबबूला हो गए और कहने लगे कि वह मरने को तैयार हैं, उनकी गोलियां खत्म हो जाएंगी लेकिन वह जिंदा रहेंगे।
तुम्हारी गोलियां खत्म हो जाएंगी, मैं जिंदा रहूंगा: ओवैसी
असदुद्दीन ओवैसी ने तीनों विधेयकों का विरोध करते हुए शायराना अंदाज में भी दिखे। उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत शेर से की- हमकों शाहों की अदालत से तवक्को तो नहीं, आप कहते हैं तो जंजीर हिला देते हैं। बाद में ओवैसी ने जॉन औलिया का शेर पढ़ा, ‘जुर्म में हम कमी करें भी तो क्यों, तुम सजा भी तो कम नहीं करते।’ AIMIM चीफ ने चर्चा के दौरान जेलों में बंद मुस्लिमों का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि भारत के जेलों में अगर सबसे ज्यादा अंडरट्रायल कैदी हैं तो वह मुस्लिम हैं। जेलों में 20 प्रतिशत मुस्लिम बंद हैं जबकि उनका कन्विक्शन रेट 14 प्रतिशत है और आबादी में हिस्सेदारी 14 फीसदी है। ओवैसी ने नए कानूनों की अंग्रेजों के जमाने के रौलट ऐक्ट से तुलना करते हुए कहा कि आज सूट पहनने वाला क्राइम से, जुर्म से, जेल से बच जाता है। खाकी पहनने वाला हथकड़ी पहने मुजरिम को करीब से गोली मार सकता है, कोई जवाबदेही नहीं है। जिन पर आतंकवाद का आरोप है वो इस पर वोट डालेंगे कि ये आतंकवाद है कि नहीं।
इसी दौरान ओवैसी ने 1999 में पुलिस के हाथों हुई अपनी पिटाई का एक वाकया भी सुनाया। उन्होंने कहा, ‘सर पुलिस ने मुझको पीटा था। 1999 में 22 दिसंबर को मेरे सिर पर 20 टांके लगे। पीठ से लेकर पैर तक मारा गया। टीडीपी की सरकार थी। उन्होंने उन दोनों पुलिसवालों को जिन्होंने मुझे मारा था, उन्हें आईपीएस बना दिया।’ जब वह ये कह रहे थे तभी किसी सदस्य ने उन्हें टोक दिया। फिर क्या था, ओवैसी भड़क गए। उन्होंने कहा, ‘अरे मैं तैयार हूं मरने के लिए। तुम मारोगे क्या बोलो? कहां मारोगे बताओ। तुम्हारी गोलियां खत्म हो जाएंगी, मैं जिंदा रहूंगा। तुम्हारी गोलियों से मैं डरने वाला नहीं हूं।’