अड़रियासंग्राम झंझारपुर से गौतम झा की रिपोर्ट
राजकीय पॉलीटेक्निक, मधुबनी के प्रांगण में आज राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया गया, जिसमें छात्र/ छात्राओं द्वारा विज्ञान से संबंधित अलग – अलग उपकरण बनाए गए तथा सही विश्लेषण किया गया। इस अवसर पर संस्थान के सभी छात्र/छात्रा बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिए।
विज्ञान दिवस के कार्यक्रम के दौरान राजकीय पॉलीटेक्निक, मधुबनी के प्राचार्य तथा व्याख्याताओं ने अपना – अपना वक्तव्य दिए, जिसमें मुख्य रूप से बताया गया कि विज्ञान में प्रेरणा देने की शक्ति है और यह हमारी जिज्ञासा और कल्पना को जगाती है। यह हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमारे प्रश्नों और आकांक्षाओं को भी बढ़ावा देती है। अगली पीढ़ी के वैज्ञानिकों को प्रेरित करने में विज्ञान की अहम भूमिका है। सूक्ष्मतम कणों से लेकर अंतरिक्ष की विशालता तक की समझ को विज्ञान उजागर करती है। वैज्ञानिकों के समर्पण और ज्ञान की निरंतर खोज ने हमारी दुनिया को बदल दिया है। यह दिन हमारे बीच उभरते वैज्ञानिकों को प्रेरित करने और विज्ञान के क्षेत्र में हुए चमत्कारों को याद करने के लिए है।
इस अवसर पर राजकीय पॉलीटेक्निक, मधुबनी के प्राचार्य श्री शंभू कांत झा ने बताया कि भारत दुनिया भर में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की प्रगति के मामले में एक महान स्थान रखता है। सार्वजनिक नीति को आकार देने में विज्ञान महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आने वाले दशकों में विज्ञान हमारे जीवन को अभूतपूर्व तरीकों से आकार देना जारी रखेगा। यह युवाओं को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करता है।
विज्ञान दिवस के सफलतापूर्वक आयोजन करने हेतू संस्थान के विभिन्न व्याख्याता और कर्मी शामिल थे, जिसमें श्री सौरव कुमार (HOD) यांत्रिकी, श्री सुमन कुमार (HOD) असैनिक, सुश्री संजना रंजन साह व्याख्याता यांत्रिकी, श्रीमति शीतल रंजन साह व्याख्याता यांत्रिकी, श्रीमति दिव्या शानू व्याख्याता असैनिक, श्री प्रिंस कुमार व्याख्याता यांत्रिकी, श्री अमित कुमार व्याख्याता विद्युत, श्री आशीष कुमार झा व्याख्याता इलेक्ट्रॉनिक, श्रीमति अंकिता कुमारी सिंदुरिया व्याख्याता विद्युत, श्रीमति दीक्षा रितेश व्याख्याता यांत्रिकी, श्री संजीव कुमार सिंह अतिथि व्याख्याता असैनिक, श्री सतीश कुमार अतिथि प्रयोगशाला सहायक CSE के द्वारा विज्ञान दिवस पर छात्रों के नए – नए तकनीक विकसित करने के लिए प्रेरित किए तथा उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
विज्ञान दिवस के कार्यक्रम के समापन में व्याख्याताओं द्वारा छात्रों को बताया गया कि पूरी दुनिया में विज्ञान के बढ़ते महत्व और मशहूर वैज्ञानिक सीवी रमन की वैज्ञानिक उपलब्धि भारत को विज्ञान के क्षेत्र में एक नई दिशा देता है। इस दौरान बच्चों में काफी हर्षौल्लास देखा गया और सभी छात्र नई तकनीक विकसित करने हेतू एक – दूसरे से प्रेरित हुए।
