Tuesday, January 14, 2025
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बाल श्रमिकों की विमुक्ति हेतु धावा दल के द्वारा चलाया गया अभियान…….

मधुबनी : जिला पदाधिकारी, मधुबनी, अरविन्द कुमार वर्मा एवं राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग, नई दिल्ली से प्राप्त निदेश के द्वारा 30 जून 2024 तक बाल श्रम के विरूद्ध विरुद्ध लगातार आम जनमानस के बीच जन जागरूकता एवं समाज के प्रत्येक वर्ग को बाल श्रम के विरुद्ध सजगता एवं धावा दल के द्वारा बाल श्रमिकों की विमुक्ति हेतु विभिन्न दुकानों एवं प्रतिष्ठानों में सघन निरीक्षण एवं व्यापक प्रचार प्रसार किए जाने का निर्देश दिया गया है।

इसी क्रम में दिनांक-20.06.2024(गुरुवार) को श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी रहिका, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी राजनगर, एवम श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, अंधराठाढ़ी के नेतृत्व में पंडौल प्रखंड में बाल श्रमिकों की विमुक्ति हेतु जिला पदाधिकारी, मधुबनी के निर्देशानुसार धावा दल के द्वारा विभिन्न दुकानों एवं प्रतिष्ठानों में सघन जांच अभियान चलाया गया तथा निरीक्षण के क्रम मे रमण जी ऑटोमोबाइल से एक (1) बाल श्रमिक को विमुक्त कराया गया।

विमुक्त बाल श्रमिक को बाल कल्याण समिति, मधुबनी के समक्ष उपस्थापित कर निर्देशानुसार उन्हें बाल गृह में रखा गया है।

बाल एवं किशोर श्रम ( प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986 के तहत नियोजक के विरुद्ध संबंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है।

श्रम अधीक्षक राकेश रंजन ने बताया कि बाल श्रमिकों से किसी भी दुकान या प्रतिष्ठान में कार्य कराना बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986 के अंतर्गत गैरकानूनी है तथा बाल श्रमिकों से कार्य कराने वाले व्यक्तियों को ₹20000 से ₹50000 तक का जुर्माना और 2 वर्षों तक के कारावास का प्रावधान है।

इसके अतिरिक्त माननीय सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा एम सी मेहता बनाम तमिलनाडु सरकार 1996 में दिए गए आदेश के आलोक में नियोजकों से ₹20000 प्रति बाल श्रमिक की दर से अलग से राशि की वसूली की जाएगी जो जिलाधिकारी के पदनाम से संधारित जिला बाल श्रमिक पुनर्वास सह कल्याण कोष में जमा किया जाएगा।

इस राशि को जमा नहीं कराने वाले नियोजक के विरुद्ध एक सर्टिफिकेट केस या नीलाम पत्र वाद अलग से दायर किया जाएगा।

गुरुवार के इस धावा दल टीम के सदस्य के रूप में गोविंद कुमार श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, पंडौल, अनूप शंकर श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी राजनगर, अमित कुमार, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, आंध्रठाढी, रत्न कुमारी, सर्वो प्रयास संस्था के प्रतिनिधि, दीप नारायण यादव SI पंडौल एवं अन्य पुलिसकर्मी शामिल थे।

धावा दल की टीम के द्वारा आज पंडौल प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों में सभी दुकान एवं प्रतिष्ठान में सघन जांच की गई तथा सभी नियोजको से किसी भी बाल श्रमिक को नियोजित नहीं करने हेतु एक शपथ पत्र भरवाया गया।श्रम अधीक्षक के द्वारा बताया गया कि धावा दल नियमित रूप से 30 जून तक प्रत्येक दिन संचालित होगा तथा जिला के सभी प्रखंड एवम नगर निकायों क्षेत्रों में बाल श्रमिकों को नियोजित करने वाले नियोजकों के विरूद्ध कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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