चीन में हड़कंप मचा रहे HMPV वायरस के भारत में भी 8 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से 6 केस 1 साल से कम उम्र के शिशुओं के हैं, जबकि 2 केस 7 और 13 साल के बच्चों में देखे गए हैं।
यह वायरस कोरोना जैसा नहीं है, लेकिन इसके लक्षण सामान्य सर्दी-जुकाम से लेकर निमोनिया तक पहुंच सकते हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि इसका सबसे ज्यादा खतरा छोटे बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को है।
### *HMPV क्या है और क्यों खास सावधानी की जरूरत?*
डॉक्टर आर.डी. श्रीवास्तव बताते हैं कि HMPV वायरस मुख्य रूप से 4-6 महीने के बच्चों को ज्यादा प्रभावित करता है। भारत में भी 1 साल से छोटे बच्चों में इसके केस ज्यादा देखे गए हैं। हालांकि, ये वायरस नया नहीं है। यह कई सालों से मौजूद है।
डॉक्टर अंकित बंसल कहते हैं, “जब तक यह साफ न हो जाए कि वायरस का कोई नया और खतरनाक रूप सामने आया है, घबराने की जरूरत नहीं है। लेकिन लक्षणों को नजरअंदाज करना भी सही नहीं होगा।”
### *लक्षणों पर रखें नजर:*
– बुखार और जुकाम
– सांस में घरघराहट
– थकावट और कमजोरी
– निमोनिया के लक्षण (गंभीर मामलों में)
### *डॉक्टरों की सलाह: घबराएं नहीं, बचाव पर ध्यान दें*
भारत सरकार ने राज्यों को HMPV से जुड़ी सावधानियों पर अलर्ट किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि वायरस संक्रमित व्यक्ति के संपर्क, खांसने-छींकने, या संक्रमित वस्तु को छूने से फैलता है।
### *बचाव के 10 तरीके:*
1. बच्चों को भीड़-भाड़ से दूर रखें।
2. बार-बार हाथ धोने की आदत डालें।
3. घर में साफ-सफाई का ध्यान रखें।
4. बच्चों को मास्क पहनाएं, खासकर ठंड में।
5. जुकाम-बुखार के लक्षण दिखें तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।
6. बच्चों को गर्म कपड़े पहनाएं।
7. संतुलित आहार और इम्यूनिटी बढ़ाने वाले फूड्स दें।
8. घर की वेंटिलेशन अच्छी रखें।
9. संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाएं।
10. बच्चों को ठंडी चीजें खाने-पीने से बचाएं।
### *क्या HMPV जानलेवा है?*
HMPV से मौतें बहुत ही रेयर हैं। पूरी दुनिया में इसके कारण 1% से भी कम मौतें हुई हैं। जिन बच्चों का इम्यून सिस्टम कमजोर है या जिन्हें पहले से सांस की बीमारियां हैं, उन्हें ही ज्यादा खतरा है।
### *डॉक्टरों की राय:*
“फ्लू जैसे लक्षण दिखें तो इसे हल्के में न लें। डॉक्टर से सलाह लें और वायरस से बचाव की पूरी कोशिश करें। पैनिक न करें, लेकिन सतर्क रहें।”