मधुबनी। शहर के एक निजी होटल में राईन एकता मंच के बैनर तले एकदिवसीय बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य रूप से कुजड़ा राईन बेरादरियों का उत्थान हेतु विचार विमर्श किया गया। बैठक की अध्यक्षता हाजि मोहम्द शफीक ने किया। बैठक को संबोधित करते हुए मोहम्मद जहांगीर ने बताया कि 2006 में जब सच्चर कमेटी की रिपोर्ट भारत सरकार को सौंपी गई। तब यह बात सामने आई, बिहार उन राज्यों में अग्रिम है। जहां पासमंदा कुजड़ा मुसलमान सबसे अधिक बदहाली का शिकार है। वर्ष 2007 में रंगनाथ मिश्रा की रिपोर्ट सामने आई उसमें कहा गया कि पासमंदा गुजड़ा मुसलमान दलित के समान है। 2011 के मुताबिक बिहार में 85% आबादी पासमंदा मुस्लिम है। लेकिन 17 वर्षों से अधिक होने के बावजूद भी हालत यथावत है। इस निर्णायक जनसंख्या के बावजूद राईन कुजड़ा सामाजिक,आर्थिक, राजनीतिक मामले में हाशिये पर है। वर्तमान में जो जाति आधारित जनगणना हुई है उसमें हमारा संख्या का आंकड़ा कम दिखाया गया है। लगभग हमें 1.82 प्रतिशत दिया गया है जबकि मंडल कमीशन के समय हमें 3% प्रतिशत के लगभग बताया गया था। कहीं ना कहीं गलती हुई है। इसे हमें इसकी जानकारी सरकार तक पहुंचना है। इस आकलन को सुधार कर सही आंकड़ा पेश किया जाए और हम राईन कुजड़ा मुसलमान की भागीदारी राजनीतिक में हिस्सा मिलना चाहिए। कहा हम पासमंदा कुजड़ा बिरादरी को दलित का आरक्षण मिलना चाहिए। बैठक में मोo मुमताज राईन , मो0 गुलाम अली ,मोo जहांगीर अली, मोoफारूक मुखिया,मोo साविर मुखिया, मोo मजलूम। ,मोo तजमुल पूर्व जिला पार्षद,मोo हासिम,मोo कासिम मुखिया,फहीम मुखिया, फैयाज़,फारूक दिलकेस, हारून सरपंच,अवतार मुखिया,अहमद हुसैन,मोo रफीक,मोo अब्दुला,मोo तैयब, अकिल मास्टर,मोo शकील ,मोo नसीम,मोo कलाम आदि लोग मौजूद थे।।