रिपोर्ट : सानु झा
बिहार में कल भारी संख्या में प्रशासनिक पदाधिकारियों का तबादला किया गया, तबादला के उस लिस्ट में अपने फैसलों से विवादों में रहने वाले KK पाठक का भी नाम भी सामने आया। जिससे बिहार के शिक्षा विभाग में कमोबेश हरियाली छा गयी है। अब मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव ‘एस. सिद्धार्थ’ को बिहार के शिक्षा विभाग का अपर मुख्य सचिव का अतिरिक्त पदभार दिया गया है। अब शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस. सिद्धार्थ हैं।
लगातार विवादों में घिरे रहे KK पाठक : KK पाठक जिस भी विभाग में कार्यरत् रहे वह विभाग भी इनके फरमानों से मीडिया के लाइमलाइट में बना रहा। शिक्षा विभाग में KK पाठक ने जून 2023 में ACS का पदभार ग्रहण किया था। उन्होंने सबसे पहले स्कूलों में मौजूद शिक्षकों की कार्यशैली को सुधारने का हर संभव प्रयास किया। स्कूलों की टाइमिंग में फेरबदल करते हुए, सुबह 8.45 से शाम को 5.00 तक कर दिया। VC पर शाम को सभी हेड मास्टरों को उपस्थित होने अनिवार्य कर दिया गया।
शिक्षकों को बच्चों की उपस्थिति को संतुलित करने के लिए अभियान चलाने को कहा गया। कई पर्व-त्योहारों की छुट्टी काट ली गयी। रक्षाबंधन और 1 जनवरी को भी शिक्षकों को स्कूल आना पड़ा था। गर्मी की छुट्टी को पहले ही करवाकर भीषण गर्मी में स्कूलों को खोल दिया गया। विश्वविद्यालय संगठनों से भी उनकी दो-दो हाथ होने लगी। राज्यपाल के साथ-साथ मुख्यमंत्री के आदेशों को भी KK पाठक के द्वारा अनसुनी की गयी।
KK पाठक से छात्रों को थी विशेष उम्मीद :
महज एक साल में ही KK पाठक की छुट्टी से जहाँ एक ओर अधिकांश शिक्षकों में खुशी की लहर दौड़ गयी, वहीं दूसरी ओर पढाई को लेकर प्रतिबद्ध छात्रों में थोड़ी बहुत करुणा और रोष की भावना है। KK पाठक के आने के बाद बिहार की बदहाल शिक्षा विभाग में कमोवेश बदलाव देखी जा रही थी, शिक्षक समय पर स्कूल आने लगे थे। जिससे पढ़ने वाले बच्चों में पुनः विधि व्यवस्था चरमराने को लेकर आश है।
इतिहास में दर्ज होगा KK पाठक का नाम :
बिहार में अनेक प्रशासनिक पदाधिकारी हुए जिनके कार्य कुशलता के दिवाने आज भी बहुत लोग हैं। उन्हीं नामों की सूची में KK पाठक का नाम भी उनके कारनामों और कार्य-कुशलता से याद किया जायेगा।
अब देखने वाली बात होगी कि KK पाठक का नया भूमि राजस्व विभाग में उनकी भूमिका क्या शिक्षा विभाग के जैसे ही रहेगी?