अड़रियासंग्राम {झंझारपुर} से गौतम झा की रिपोर्ट
बीते शुक्रवार को भारत कुमार के नाम से मशहूर बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता मनोज कुमार ने 87 साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह दिया । इस खबर से उनके चाहने वालों को बड़ा झटका लगा है । संगीत अध्यापक डॉक्टर संजीव शमा ने अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि देश के पहले सच्चे और समर्पित फिल्म निर्माता, दादा साहब फाल्के पुरस्कार विजेता मनोज कुमार का जाना कला जगत के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है । उन्होंने कहा कि वो एक सच्चे देशभक्त, दूरदर्शी निर्देशक थे, जिन्होंने गीतों को सिर्फ मनोरंजन तक सीमित नहीं रखा बल्कि उससे जुड़ाव भी महसूस कराया । अभिनेता भारत कुमार ने उपकार, पूरब-पश्चिम, क्रांति, रोटी – कपड़ा और मकान जैसी बेहद कामयाब फिल्में दी । उन्हें 7 फिल्म फेयर पुरस्कार मिले थे । पहला फिल्म फेयर 1968 में फिल्म उपकार के लिए मिला था । उपकार ने बेस्ट फिल्म, बेस्ट डायरेक्टर, बेस्ट स्टोरी और बेस्ट डायलॉग के लिए चार फिल्म फेयर जीते । 1992 में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया । 2016 में उन्हें दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से नवाजा गया । अभिनेता ने देशभक्ति को बिना किसी शोर शराबे के सिनेमा की दुनिया में ला दिया । डॉक्टर संजीव ने कहा कि देशभक्त और उनके जैसे कलाकार कभी नहीं मरते। वे रह जाते हैं स्मृति में,धड़कन में । अभिनेता मनोज कुमार के चाहने वालों में आकाशवाणी के गायक काशीनाथ झा किरण, डॉक्टर जयानंद मिश्र, संगीतज्ञ डॉक्टर संजीव शमा, समाजसेवी सह पत्रकार गौतम झा, नवानी गांव निवासी आनंद दास गौतम, रंगकर्मी समीर कुमार दास, गायक महेश शर्मा, प्रोफ़ेसर सुभाष पासवान, अजय कुमार दास, श्याम मोहन कर्ण, संदीप दास, गायक शंकर मंडल, हरिमोहन अकेला आदि ने शोक व्यक्त करते हुए श्रद्धांजलि दी है ।
